Drumstick or Magic stick?
क्या सच में सहिजन (સરગવો) सुपर फूड है?
क्या सच में इसे हररोज खाना चाहिए?
अगर न्यूट्रिशनिस्ट की मानो तो इसमें बोहोत सारे विटामिंस एवं मिनरल्स हैं। एंटीऑक्सिडेंट एवं एंटीडायाबीटीक है। इससे ताकत बढ़ती है, दांत एवं हड्डियां मजबूत होती हैं, जीम जाने वाले लोगों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसमें भरपूर प्रोटीन होता है।
पर पर पर...
इस सुपर फूड को आचार्य भावप्रकाश अपने निघंटु में गुडूच्यादी वर्ग में लिखते हैं। मतलब आयुर्वेद तो इसे औषधि मानता है!! सिर्फ फूड नहीं, उससे कहीं ज्यादा।
आयुर्वेद के मतानुसार सहीजन कटु रसात्मक होता है, उसका विपाक भी कटु है, स्वभाव से तीक्ष्ण एवं उष्ण है। तो कफ एवं वात दोष को तो कम करेगा पर ये पित्त एवं रक्त दोष को बढ़ाएगा।
मतलब ये शरीर को सुखा करेगा एवं जलन करेगा। अगर आपके शरीर में पित्त ज्यादा है, माने खट्टी डकारें आती हैं, एसिडिटी रहती है, चेस्ट में एवं पेट में जलन होती है, तो आपको ये हररोज नहीं लेना है। पर हफ्ते में एकाद दिन लिया तो चलेगा।
जो लोग स्वस्थ हैं उनके द्वारा सहिजन के पत्तों का सूप बनाकर भोजन के पहले लिया जाए तो भोजन में रुचि बढ़ाएगा एवं भूख को भी बढ़ाएगा। ये विशेष रूप से आंखों के लिए बलकारी है। शरीर में अगर कृमि हो तो उनका भी नाश करेगा एवं पाचन की प्रक्रिया को बेहतर करेगा।
सहिजन के फल भी अनेक रोगों में उपयुक्त हैं। इसके बीज का उपयोग शिर के दर्द में एवं विष की चिकित्सा में किया जाता है। शीरदर्द में इसके पत्तों की चटनी बनाकर अगर माथे पर लगाया जाए तो भी फायदेमंद साबित होता है।
सहिजन का नित्य सेवन एवं औषधिय प्रयोग अपने निकटतम आयुर्वेद चिकित्सक के मार्गदर्शन में करें।
विशेष संदर्भ के लिए
आयुर्वेद एवं पंचकर्म विशेषज्ञ
नाडी चिकित्सक, पेइन मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट
Appointment: +91 9099 587 627
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